यदि आप BA के बाद MA Economics की पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपको MA Economics Syllabus के बारे में जानकारी होनी चाहिए। यदि आपको MA Economics के Syllabus के बारे में कोई आईडिया नही है तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं।
इस उच्च कोटि के लिए में हम आपको MA Economics कोर्स क्या होता है, MA Economics Syllabus In Hindi, MA Economics में कितने सब्जेक्ट होते हैं, MA Economics कोर्स के लिए योग्यता, MA Economics Course की फीस और MA Economics Course के बाद मिलने वाली जॉब के बारे में विस्तार से बतायेगें। तो चलिए शुरू करते हैं।
एम ए इकोनॉमिक्स क्या होता है | MA Economics Kya Hota Hai?
MA Economics एक 2 साल की पोस्टग्रेजुएट डिग्री होती है। जिसको आप स्नातक की पढ़ाई पूरा करने के बाद कर सकते हैं। MA Economics के कोर्स में Economics के विभिन्न शाखाओं के बारे में पढ़ाया जाता है।
MA Economics में मुख्य रूप से माइक्रोइकोनॉमिक्स, मैक्रोइकोनॉमिक्स, सांख्यिकी, आर्थिक सिद्धांत, आर्थिक विकास, वित्तीय अर्थशास्त्र और अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र जैसे सब्जेक्ट के बारे में उच्च कोटि का ज्ञान दिया जाता है।
MA Economics की पढ़ाई पूरा करने के बाद आप प्राइवेट और सरकारी दोनों जगहों पर उच्च कोटि की हाई सैलरी वाली जॉब पा सकते हैं।
MA Economics कोर्स क्यों करना चाहिए?
MA Economics कोर्स क्यों करना चाहिए इसके कई सारे कारण हैं। इसके कुछ महत्वपूर्ण कारण निम्नलिखित हैं।
- MA Economics कोर्स करने से आपको Economics के विभिन्न शाखाओं जैसे माइक्रोइकोनॉमिक्स, मैक्रोइकोनॉमिक्स, सांख्यिकी, आर्थिक सिद्धांत, आर्थिक विकास, वित्तीय अर्थशास्त्र और अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र के बारे में उच्च कोटि का ज्ञान हो जाता है।
- MA Economics कोर्स करने से आपके अंदर विश्लेषणात्मक और समस्या-समाधान कौशल विकसित हो जाता है। जिससे आप डेटा को समझने और विश्लेषण करने में एक्सपर्ट हो जाते हैं।
- MA Economics कोर्स करने के बाद आप बैंकिंग, वित्त, लेखा, सरकारी सेवा, और शिक्षा के फील्ड में अपना एक उच्च कोटि का करियर बना सकते हैं।
- MA Economics कोर्स करने के बाद आप प्रोजेक्ट मैनेजर, फाइनेंस ऑफिसर, फाइनेंस कंट्रोलर, फाइनेंस प्लानर, रिस्क मैनेजमेंट, रिसर्च एनालिस्ट, प्रोजेक्ट मैनेजर, रिसर्च एनालिस्ट और प्रोफेसर जैसी उच्च कोटि की हाई सैलरी वाली नौकरी पा सकते हैं।
- MA Economics कोर्स करने के बाद आप विदेशो में भी फाइनेंस से रिलेटेड बड़ी बड़ी कंपनियों में बढ़िया नौकरी पा सकते हैं। भारत के मुकाबले विदेशो में सैलरी बहुत ज्यादा मिलती है।
MA Economics का पाठ्यक्रम | MA Economics Syllabus In Hindi
MA Economics एक 2 साल का पोस्टग्रेजुएट कोर्स होता है। इन 2 साल की पढाई को 4 सेमेस्टर में बाँटा गया है। हर एक सेमेस्टर में क्या क्या पढ़ाया जाता है उसके बारे में हम यहाँ बताने जा रहे हैं। इसको पढ़ने के बाद आपको MA Economics Syllabus In Hindi के बारे में अच्छी जानकारी हो जायेगी।
सेमेस्टर-1
- मैक्रोएकॉनॉमिक थ्योरी
- इंट्रोडक्टरी मैथमेटिकल इकोनॉमिक्स
- इंटरनेशनल ट्रेड
- इंट्रोडक्टरी इकोनॉमिक्स
सेमेस्टर-2
- मैक्रोएकॉनॉमिक थ्योरी
- मूल्य निर्धारण और वितरण का सिद्धांत
- इंटरनेशनल फाइनेंस
- क्वांटिटेटिव मेथड्स
सेमेस्टर-3
- डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स
- इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स
- एकोनोमेट्रिक्स- 1
- इंडस्ट्रियल इकोनॉमिक्स (एलेक्टिवेस)
- एनवायर्नमेंटल इकोनॉमिक्स (एलेक्टिवेस)
- ग्लोबलाइजेशन एंड इकोनॉमिक्स (एलेक्टिवेस)
सेमेस्टर-4
- पब्लिक इकोनॉमिक्स
- एकोनोमेट्रिक्स- 2
- प्रोजेक्ट वर्क
- फाइनेंसियल इकोनॉमिक्स (एलेक्टिवेस)
- इकोनॉमिक्स ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर (एलेक्टिवेस)
- इकोनॉमिक डेमोग्राफी (एलेक्टिवेस)
- इकोनॉमिक एंड लॉ (एलेक्टिवेस)
MA Economics 1st Year Syllabus in Hindi-
- माइक्रोइकोनॉमिक्स एनालिसिस
- इंटरनेशनल ट्रेड
- एलीमेंट्री स्टेटिस्टिक्स
- मोनेटरी स्टेटिस्टिक्स
- इलेक्टिव 1
- इंटरनेशनल फाइनेंस
- क्वांटिटेटिव मेथड
- स्टेटिस्टिक्स एंड कंप्यूटर ऍप्लिकेशन्स
- इंटरनेशनल फाइनेंस
- थ्योरी ऑफ़ प्रैक्टिसिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन
- ग्रोथ एंड डेवलपमेंट ऑफ़ इकोनॉमिक्स
MA Economics 2nd Year Syllabus in Hindi-
- इकोनॉमिक्स ऑफ़ ग्रोथ
- पब्लिक इकोनॉमिक्स
- इकोनॉमिक्स ऑफ़ इंडस्ट्री
- इश्यूज इन इंडियन/फॉरेन इकोनॉमिक्स
- इलेक्टिव- 2
- इंडियन पब्लिक फाइनेंस
- इंट्रोडक्टरी मैथेमैटिकल इकोनॉमिक्स
- सिलेक्टेड प्रॉब्लम ऑफ़ द इंडियन इकॉनमी
- इकोनॉमिक्स ऑफ़ एग्रीकल्चर
- ग्रोथ मॉडल इन इकोनॉमिक्स
- इंटरनेशनल फाइनेंस
Data Source- leverageedu.com
MA Economics में कितने सब्जेक्ट होते हैं?
MA Economics के कोर्स में कई सारे सब्जेक्ट के बारे में पढ़ाया जाता है। MA Economics के कोर्स में पढ़ाये जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण सब्जेक्ट निम्नलिखित हैं।
- डेमोग्राफिक के इकोनॉमिक्स
- पब्लिक फाइनेंस
- मार्केट्स एंड फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन्स
- मनी एंड बैंकिंग
- इन्शुरन्स इकोनॉमिक्स
- इंफ्रास्ट्रक्चर इकोनॉमिक्स
- जेंडर एंड डेवलपमेंटल इकोनॉमिक्स
- इंटरनेशनल ट्रेड
- एनवायर्नमेंटल इकोनॉमिक्स
- सेक्टर्स ऑफ द इंडियन इकोनॉमिक्स
- गेम थ्योरी
- व्यवहार इकोनॉमिक्स
MA Economics कोर्स के लिए योग्यता?
MA Economics कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कुछ योग्यता की जरुरत पड़ती है। MA Economics कोर्स के लिए योग्यता निम्नलिखित हैं।
- आवेदक 12वीं क्लास 50% से ज्यादा अंक से पास होना चाहिए।
- आवेदक किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज से स्नातक Economics विषय से पास होना चाहिए।
- आवेदक का स्नातक में 50% से ज्यादा अंक रहना चाहिए।
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- कुछ कॉलेजो में MA Economics कोर्स में एडमिशन लेने के लिए प्रवेश परीक्षा देना पड़ता जबकि कुछ कॉलेजो में डायरेक्ट एडमिशन हो जाता है।
MA Economics Course के लिए सबसे बेस्ट कॉलेज?
MA Economics Course के लिए यहाँ कुछ महत्वपूर्ण कॉलेजो की एक सूची को शेयर कर रहें हैं। आप इन कॉलेजो में एडमिशन लेकर MA Economics Course के लिए उच्च कोटि की शिक्षा पा सकते हैं।
- दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (DSE)
- भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई), कोलकाता
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली
- भारतीदासन विश्वविद्यालय, तिरुचिरापल्ली
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
- इलाहाबाद विश्वविद्यालय
- गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
- लखनऊ विश्वविद्यालय
- मुंबई विश्वविद्यालय
- पुणे विश्वविद्यालय
- लोयोला कॉलेज चेन्नई
- मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज
- श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, दिल्ली
MA Economics Course में एडमिशन लेने के लिए क्या क्या डाक्यूमेंट्स चाहिए।
MA Economics Course में एडमिशन लेने के कई डाक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है। कुछ महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट्स निम्नलिखित हैं।
- 10वीं क्लास की मार्कशीट
- स्नातक की डिग्री
- प्रवेश परीक्षा का रिपोर्ट कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार कार्ड या पैन कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
MA Economics Course की फीस कितनी होती है?
हर एक कॉलेज में MA Economics Course की फीस अलग अलग होती है। सरकारी कॉलेजो में फीस कम होती है। वही प्राइवेट कॉलेजो में सरकारी कॉलेजो के मुकाबले फीस थोड़ा ज्यादा होती हैं।
सरकारी कॉलेजों में MA Economics Course की औसतन फीस ₹15000- ₹20000 प्रति साल तक हो सकती है। वही प्राइवेट कॉलेजो में MA Economics Course की औसतन फीस ₹60000- ₹70000 प्रति साल तक हो सकती है।
MA Economics Course करने के बाद कौन सी जॉब मिल सकती है।
MA Economics Course करने के बाद आपको कई सारी उच्च कोटि की हाई सैलरी वाले जॉब मिल सकती है। कुछ महत्वपूर्ण जॉब के उदाहरण निम्नलिखित हैं।
- इकोनॉमिस्ट
- रिसर्च एनालिस्ट
- डेटा एनालिस्ट
- फाइनेंस प्लानर
- फाइनेंशियल एडवाइजर
- इकोनॉमिक टीचर
- फाइनेंस कंट्रोलर
- इकोनॉमिक प्रोफेसर
- रिस्क मैनेजमेंट
- एनालिस्ट मैनेजर
- प्रोजेक्ट मैनेजर
- चार्टर्ड एकाउंटेंट
- फाइनेंस ऑफिसर
- HR मैनेजर
- सीनियर बिज़नेस एनालिस्ट
- बिज़नेस एनालिस्ट
MA Economics Course करने के बाद कितनी सैलरी मिलती है |
MA Economics Course करने के बाद आपको कितनी सैलरी मिलेगी यह आपके जॉब पर निर्भर करता है। अगर बात करें MA Economics Course करने के बाद मिलने वाले जॉब की एक औसतन सैलरी की तो वह ₹25000- 45000 प्रति महीना तक मिल सकती है। समय के साथ अनुभव होने पर यह सैलरी और अधिक हो जायेगी।
कुछ महत्वपूर्ण पदों पर औसतन कितनी सैलरी मिल सकती है। उसके बारे में हम नीचे टेबल के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं।
जॉब प्रोफाइल | औसतन प्रति वर्ष सैलरी |
---|---|
इकोनॉमिस्ट | ₹3 से ₹7 लाख |
रिसर्च एनालिस्ट | ₹4 से ₹8 लाख |
डेटा एनालिस्ट | ₹3 से ₹6 लाख |
फाइनेंशियल एडवाइजर | ₹4 से ₹8 लाख |
स्कूल टीचर | ₹3 से ₹5 लाख |
MA Economics कोर्स करने के बाद आगे कौनसी पढ़ाई कर सकते हैं?
MA Economics कोर्स करने के बाद आपके पास आगे पढ़ाई के कई सारे बेहतरीन विकल्प मौजूद हैं। कुछ महत्वपूर्ण विकल्प निम्नलिखित हैं।
- पीएचडी इन इकोनॉमिक्स
- पीएचडी इन फाइनेंस
- एमबीए
- डेटा साइंस कोर्स
- पीएचडी इन बिज़नेस इकोनॉमिक्स
- एमए इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
- एमफिल इन इकोनॉमिक्स
- पीएचडी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स
- इकोनॉमिक्स ऑफ पब्लिक पालिसी
- इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स कोर्स
निष्कर्ष?
MA Economics Course एक काफी उच्च कोटि की पढ़ाई है। जिसको करके आप विभिन्न क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं। यदि आपको Economics के फील्ड में रुचि है और आप Economics के फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो MA Economics Course आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।
इस पूरे आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको MA Economics कोर्स क्या होता है, MA Economics Syllabus In Hindi, MA Economics में कितने सब्जेक्ट होते हैं, MA Economics कोर्स के लिए योग्यता, MA Economics Course की फीस और MA Economics Course के बाद मिलने वाली जॉब के बारे में काफी अच्छी जानकारी हो गई होगी।
MA Economics Course को लेकर यदि आपका कोई सवाल हो तो आप पूछ सकते हैं। हम आपके सवाल का जबाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेगें।