यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो यह जानना चाहते हैं कि आशा कार्यकर्ता की सैलरी कितनी होती है तो आप सही जगह पर हैं। इस लेख में हम आपको आशा कार्यकर्ता किसे कहा जाता है, आशा कार्यकर्ता की सैलरी, आशा कार्यकर्ता बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए और आशा कार्यकर्ताओं का चयन कैसे किया जाता है जैसी और भी कई महत्वपूर्ण चीज़ों के बारे में बतायेगें। तो चलिए शुरू करते हैं।
आशा कार्यकर्ता किसे कहा जाता है?
आशा कार्यकर्ता को “आशा बहू” के नाम से भी जाना जाता है। आशा कार्यकर्ता एक ऐसी महिलाएं होती हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने के लिए काम करती हैं। आशा कार्यकर्ताओं को ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों का एक काफी महत्वपूर्ण अंग माना जाता है।
आशा कार्यकर्ता भारत सरकार के द्वारा चलाये जाने वाले महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं को लागू करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
एक आशा कार्यकर्ता के प्रमुख्य काम गांव के बच्चों का टीकाकरण करना, गर्भवती महिलाओं की देखभाल करना, प्रसव में सहायता करना, मातृ और शिशु स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाना, परिवार नियोजन सेवाएं प्रदान करना और संचारी रोगों की रोकथाम करना जैसे और भी कई महत्वपूर्ण काम होते हैं।
इन सभी कामो के लिए आशा कार्यकर्ताओं को हर महीने कुछ पैसे वेतन के रूप में मिलते हैं। वेतन के अलावा आशा कार्यकर्ताओं को उनके कामो के लिए कुछ प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
भारत के ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार में आशा कार्यकर्ताओं का बहुत योगदान है। आशा कार्यकर्ताओं को ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर “स्वास्थ्य दूत” के रूप में संबोधित किया जाता है।
आशा का फुल फार्म क्या होता है | ASHA Full Form in Hindi
ASHA का फुल फार्म “Accredited Social Health Activist” है। जिसको हिंदी में मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता कहा जाता है। इसके अलावा आशा को ग्रामीण इलाकों में “आशा बहू” के नाम से भी बुलाया जाता है। आशा कार्यकर्ताओं ने ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार लाया है।
आशा कार्यकर्ता की सैलरी कितनी होती है | आशा कार्यकर्ता का वेतन
भारत के ज्यादातर राज्य में आशा कार्यकर्ता होती हैं। आशा कार्यकर्ता की सैलरी हर एक राज्य में अलग अलग होती हैं। आशा कार्यकर्ता की औसतन सैलरी ₹4500- ₹9800 प्रति महीना तक हो सकती है। आशा कार्यकर्ता को सैलरी के अलावा कुछ पैसे प्रोत्साहन राशि के रूप में भी दिए जाते हैं।
हर एक राज्य में आशा कार्यकर्ता की सैलरी कितनी होती हैं उसको यहाँ हम आपको टेबल के माध्यम से बतानें जा रहें हैं। यहाँ हम आपको केवल महीने की सैलरी को बताने जा रहे हैं सैलरी के अलावा आशा कार्यकर्ता को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। उम्मीद है ये जानकारी आपके काफी काम की होगी।
राज्य का नाम | आशा कार्यकर्ता की सैलरी |
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उत्तर प्रदेश | ₹9750 प्रति महीना |
बिहार | ₹6000 प्रति महीना |
दिल्ली | ₹6100 प्रति महीना |
राजस्थान | ₹4500 प्रति महीना |
मध्य प्रदेश | ₹6000 प्रति महीना |
महाराष्ट्र | ₹8000 प्रति महीना |
कर्नाटक | ₹6000 प्रति महीना |
तमिलनाडु | ₹5000 प्रति महीना |
आंध्र प्रदेश | ₹7000 प्रति महीना |
हरियाणा | 6100 प्रति महीना |
तेलंगाना | ₹7800 प्रति महीना |
केरल | ₹6000 प्रति महीना |
गुजरात | ₹8500 प्रति महीना |
पश्चिम बंगाल | ₹6000 प्रति महीना |
ओडिशा | ₹5000 प्रति महीना |
झारखंड | ₹5000 प्रति महीना |
छत्तीसगढ़ | ₹5000 प्रति महीना |
मणिपुर | ₹4500 प्रति महीना |
मेघालय | ₹4500 प्रति महीना |
नागालैंड | ₹4500 प्रति महीना |
अरुणाचल प्रदेश | ₹5000 प्रति महीना |
सिक्किम | ₹4500 प्रति महीना |
हिमाचल प्रदेश | ₹5200 प्रति महीना |
आशा कार्यकर्ता बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
आशा कार्यकर्ता बनने के लिए निम्नलिखित योग्यता की जरूरत होती है।
- महिला की उम्र 20-45 के बीच मे होना चाहिए।
- महिला कम से कम किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास होना चाहिए।
- महिला विवाहित, विधवा या तलाकशुदा होनी चाहिए।
- महिला उसी गांव की निवासी होनी चाहिए जहां वह आशा कार्यकर्ता बनना चाहती है।
- महिला मानसिक रूप से पूर्णतया स्वस्थ रहना चाहिए।
आशा कार्यकर्ताओं का चयन कैसे किया जाता है?
भारत मे आशा कार्यकर्ताओं का चयन आमतौर ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। कार्यकर्ताओं का चयन निम्नलिखित तरीको से होता है।
- सबसे पहले ग्राम पंचायत द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के पद के लिए एक नोटिस निकाला जाता है। जो महिला आशा कार्यकर्ता बनना चाहती हैं वह इसमे आवेदन करती हैं
- ग्राम पंचायत द्वारा सभी आवेदन पत्र प्राप्त करने के बाद ग्राम पंचायत एक समिति का गठन किया जाता है। इस समिति का मुख्य काम सभी आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की पात्रता की जांच करना होता है।
- जब सभी उम्मीदवारों की पात्रता की जांच हो जाती है उसके बाद उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के लिए ग्राम पंचायत में बुलाया जाता है।
- परीक्षा और साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरा होने के बाद समिति द्वारा परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर एक मेरिट लिस्ट निकाली जाती है।
- जिन उम्मीदवारों का नाम मेरिट लिस्ट में आ जाता है उसको राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है।
- एक बार जब प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो जाता है उसके बाद उम्मीदवारों को आशा कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त कर लिया जाता है। इस तरह से एक आशा कार्यकर्ता की चयन प्रक्रिया होती है।
आशा कार्यकर्ताओं को क्या प्रशिक्षण दिया जाता है?
आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण के रूप में कई सारी चीज़ें सिखाई जाती हैं। आशा कार्यकर्ताओं को सिखाई जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण चीज़े निम्नलिखित हैं।
- रोगों के कारण, बचाव, और उपचार की बुनियादी जानकारी
- संचारी रोगों की रोकथाम
- गर्भवती महिलाओं का सही देखभाल
- प्रसव में सहायता करना
- नवजात शिशुओं की देखभाल
- गांव के बच्चों का टीकाकरण करना
- नवजात शिशुओं के पोषण की जानकारी
- प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं
- आपातकालीन परिस्थितियों
- परिवार नियोजन
- जनसंख्या स्वास्थ्य की जानकारी।
- सामुदायिक सशक्तिकरण
- स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तकनीकी उपकरणों का प्रयोग करना
आशा कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग कितने महीने की होती है?
आशा कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग आमतौर पर 30-60 दिन तक चलती हैं। आशा कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग आमतौर पर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) द्वारा आयोजित किया जाता है। आशा कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उनको एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। प्रमाण पत्र मिलने के बाद वह आशा कार्यकर्ता के रूप में काम करने के लिए तैयार हो जाती हैं।
आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति कौन करता है?
आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति आमतौर पर ग्राम पंचायत के प्रधान के द्वारा किया जाता है। आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति के लिए कुछ चयन प्रकृति होती है। उन सभी चयन प्रक्रिया को पास करने के बाद अंतिम नियुक्ति ग्राम पंचायत के प्रधान के द्वारा किया जाता है। एक ग्राम प्रधान पूरे ग्राम पंचायत का मुखिया होता है।
आशा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां क्या क्या हैं?
आशा कार्यकर्ताओं को कई तरह के काम करने पड़ते हैं। आशा कार्यकर्ताओं के कुछ महत्वपूर्ण काम निम्नलिखित हैं।
- गांव के बच्चों का टीकाकरण करना
- शिशुओं को टीकाकरण करना
- गर्भवती महिलाओं की देखभाल करना
- गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच करना
- प्रसव सहायता प्रदान करना
- मातृ और शिशु स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाना
- परिवार नियोजन सेवाएं प्रदान करना
- संचारी रोगों की रोकथाम के लिए अभियान चलाना
- अन्य स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं प्रदान करना
क्या आशा वर्कर सरकारी नौकरी है?
नहीं, आशा वर्कर सरकारी नौकरी नहीं है। आशा वर्कर एक ग्राम स्तरीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं होती हैं जिसको सरकार प्रशिक्षित और भुगतान करती हैं। आशा वर्कर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आशा वर्कर समय समय पर अपने आपको सरकारी कर्मचारी घोषित करवाने के लिए धरना प्रदर्शन और हड़ताल करती रहती हैं।
निष्कर्ष?
आशा कार्यकर्ता एक महत्वपूर्ण पद है जो ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में अपना एक महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। आशा कार्यकर्ताओं की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी, टीकाकरण कवरेज में सुधार आया है।
मुझे पूरी उम्मीद हैं कि इस पूरे लेख को पढ़ने के बाद आपको आशा कार्यकर्ता किसे कहा जाता है, आशा कार्यकर्ता की सैलरी, आशा कार्यकर्ता बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए और आशा कार्यकर्ताओं का चयन कैसे किया जाता है जैसी और भी कई महत्वपूर्ण चीज़ों के बारे में काफी अच्छी जानकारी हो गई होगी।
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आशा कार्यकर्ता की सैलरी के बारे में सामान्य प्रश्न?
बिहार के आशा कार्यकर्ता का मानदेय कितना हुआ?
बिहार में आशा कार्यकर्ता का मानदेय ₹6000 रुपये प्रति महीना तक है।
मध्य प्रदेश में आशा कार्यकर्ता की वेतन कितनी है?
मध्य प्रदेश में आशा कार्यकर्ता की वेतन ₹6000 रुपये प्रति महीना तक है।
दिल्ली में आशा वर्कर की सैलरी कितनी है?
दिल्ली में आशा वर्कर की सैलरी ₹6100 रुपये प्रति महीना तक है।
हिमाचल में आशा वर्कर की सैलरी कितनी है?
हिमाचल में आशा वर्कर की सैलरी ₹5200 रुपये प्रति महीना तक है।
हरियाणा में आशा वर्कर की सैलरी कितनी है?
हरियाणा में आशा वर्कर की सैलरी ₹6100 रुपये प्रति महीना तक है।
उत्तर प्रदेश में आशा की सैलरी कितनी है?
उत्तर प्रदेश में आशा की सैलरी ₹9750 रुपये प्रति महीना तक है।
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